प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने मई 2014 में सत्ता में आने के बाद से अब तक अपनी छवि को चमकाने में 4,343.26 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। सूचना का अधिकार (आरटीआई) से प्राप्त जानकारी के मुताबिक, सरकार ने विभिन्न मीडिया के जरिये केवल प्रचार और विज्ञापनों पर यह भारी भरकर राशि खर्च की।
                  मुंबई के आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गगलानी ने केंद्र सरकार के ब्यूरो ऑफ आउटरीच एंड कम्युनिकेशन (बीओसी) से वर्तमान सरकार के कार्यालय संभालने के वक्त से विज्ञापन और प्रचार पर खर्च की गई राशि के विवरण मांगे थे।
बीओसी के वित्तीय सलाहकार तपन सूत्रधार द्वारा जून 2014 से अब तक हुए खर्च पर यह जानकारी मुहैया कराई गई। प्रिंट मीडिया में प्रचार पर 1732.15 करोड़ (1 जून, 2014 से दिसंबर 2017 तक) और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर प्रचार में 2079.87 करोड़ (1 जून 2014 से 31 मार्च 2018) खर्च किए गए।
जबकि आउटडोर प्रचार पर (जून 2014 से जनवरी 2018 तक) 531.24 करोड़ रुपये खर्च किए गए। गगलानी ने कहा कि सरकार की चौतरफा आलोचना के कारण 2017 में प्रचार खर्च में थोड़ी कमी आई है। 2017 में विज्ञापन और प्रचार पर करीब 308 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे।



                            
                      
                      

