नई दिल्ली: आतंक के खिलाफ पाकिस्तान एक बार फिर बेनकाब हुआ है. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहिद खक्कान अब्बासी ने आतंकी हाफिज सईद को पहले साहेब कहा. फिर क्लीन चिट दी. उन्होंने कहा कि हाफिज सईद के खिलाफ कोई केस नहीं बनता.
हाफिज सईद वही आतंकी है जिसने 26 नवंबर 2008 को मुंबई में आतंकी हमले किए. पाकिस्तान ने भारत के दबाव में उसे महीने नजरबंद रखने के बाद हाल में रिहा किया है. फिर भी पीएम अब्बासी कह रहे हैं कि उसके खिलाफ कोई सबूत नहीं है.
अब्बासी के इस बयान के बाद पाकिस्तान में ही हड़कंप मच गया है. अमेरिका में पाकिस्तान के राजदूत हुसैन हक्कानी ने अब्बासी पर सवाल उठाए हैं. ABP न्यूज़ से बातचीत में हुसैन हक्कानी ने कहा है कि पाकिस्तान सरकार की क्लीन चिट से हाफिज के यूएन लिस्ट आतंकी होने की हकीकत नहीं बदलेगी.
हक्कानी ने हाफिज के चुनाव लड़ने को पाकिस्तान के लिए ही खतरा माना है. बता दें कि नजरबंदी से बाहर आने के बाद आतंकी हाफिज सईद ने पाकिस्तान के आम चुनावों में उतरने का एलान किया था. हाफिज सईद ने कहा था कि उसकी पार्टी जमात-उद-दावा इसी साल होने वाले आम चुनाव में मिल्ली मुस्लिम लीग के बैनर तले चुनाव लड़ेगी.
बता दें कि मुंबई हमलों के बाद साल 2008 में संयुक्त राष्ट्र ने हाफिज के नाम को आतंकियों की लिस्ट में डाला था. अमेरिका ने भी हाफिज के सिर पर 10 मिलियन डॉलर यानि 70 करोड़ रुपयों का इनाम रखा है. मुंबई हमलों के बाद हाफिज को हाउस अरेस्ट भी किया गया था, लेकिन पाकिस्तानी कोर्ट ने उसे आजादी मिल गई थी. अंतर्राष्ट्रीय दबाव के चलते इस साल 30 जनवरी से 22 नवंबर को एक बार फिर नजरबंद किया गया था.
आतंकी हाफिज पाकिस्तान की नई नस्ल की रगों में हिंदुस्तान के खिलाफ जहर घोलता है. घाटी को आतंक का जख्म देने का जिम्मेदार भी हाफिज है और आतंक के इसी खेल को हाफिज पाकिस्तान की राजनीत में बैठ कर करना चाहता है, ताकि उसके कारनामें दुनिया की नज़रों से बचे रहे.