स्वास्थ्य बीमा क्या है — समझिए आसान भाषा में
क्या आपने कभी सोचा है कि अचानक हॉस्पिटल का बिल आने पर क्या करना चाहिए? स्वास्थ्य बीमा एक ऐसा अनुबंध है जो आपके मेडिकल खर्चों को पूरा या कम करने में मदद करता है। आप प्रीमियम देते हैं और बीमा कंपनी बीमारी या एक्सीडेंट के समय तय सीमा तक खर्च उठाती है।
यह सिर्फ अस्पताल के बिल नहीं है; कई पॉलिसियों में हॉस्पिटलाइजेशन, सर्जरी, दवाइयाँ, डायग्नोस्टिक टैस्ट और कभी-कभार आउट-पेशेंट खर्च भी आते हैं। पॉलिसी पढ़ने से पता चलता है कि क्या-क्या कवर है और क्या नहीं।
स्वास्थ्य बीमा कैसे काम करता है?
काम करने का तरीका सीधा है—आप प्रीमियम देते हैं, कंपनी पोर्टेबल सुम (sum insured) देती है। अस्पताल में भर्ती होने पर या इलाज के समय आप दो तरीके से क्लेम कर सकते हैं: कैशलेस और रिइम्बर्समेंट। कैशलेस में नेटवर्क हॉस्पिटल कंपनी से सीधे पैसे लेता है; रिइम्बर्समेंट में आप पहले खर्च कर के बिल जमा करते हैं और कंपनी पैसे वापस करती है।
कई पॉलिसियों में को-पे, डिडक्टिबल और वेटिंग पीरियड होते हैं। को-पे का मतलब है कुछ प्रतिशत खर्च आप खुद देंगे। डिडक्टिबल वह रकम है जो क्लेम से पहले आपको उठानी पड़ती है। प्री-एक्सिस्टिंग कंडीशंस पर वेटिंग पीरियड लागू हो सकता है।
कौन सा स्वास्थ्य बीमा चुनें — आसान टिप्स
पहले अपनी जरूरत तय करें: अकेले हैं या परिवार फ्लोटर चाहिए? फ्लोटर पॉलिसी परिवार के लिए अच्छी रहती है पर उम्र बड़े सदस्य की प्रीमियम बढ़ा सकती है। सुम इन्श्योर्ड चुनते समय सोचें—अस्पताल के मासिक खर्च और शहर के हिसाब से कम से कम 5-10 लाख का कवर अच्छा रहता है।
ध्यान दें: नेटवर्क हॉस्पिटल सूची, क्लेम रेट, वेटिंग पीरियड, प्री-एक्सिस्टिंग नियम और एक्स्ट्रा बेनिफिट्स (मेटरनिटी, डेंटल, आय-लॉस)। टॉप-अप और रिस्टोर बेनिफिट्स तब काम आते हैं जब साधारण सुम खत्म हो जाए।
सरकारी विकल्प भी देखें—Ayushman Bharat जैसी योजनाएं गरीब परिवारों के लिए फ्री या सस्ता कवरेज देती हैं। पर निजी पॉलिसी में सुविधाएं और नेटवर्क बड़े होते हैं।
क्लेम कैसे करें? 1) अस्पताल में भर्ती से पहले पॉलिसी और आईडी दिखाएं। 2) कैशलेस के लिए प्री-ऑथराइज़ेशन फॉर्म भरें। 3) रिइम्बर्समेंट के लिए सभी बिल और मेडिकल दस्तावेज समय पर कंपनी को भेजें। 4) क्लेम कटा तो आप अपील कर सकते हैं—कंपनी का डिस्प्यूट रिज़ॉल्व करने का प्रोसेस देखें।
अंतिम टिप्स: पॉलिसी की शर्तें ध्यान से पढ़ें, प्री-एक्जिस्टिंग चीजें सही से बताएं, सालाना रिव्यू करें और जरूरत पड़ने पर टॉप-अप लें। सही पॉलिसी आपको मेडिकल खर्च के चलते वित्तीय झटके से बचा सकती है।
अगर चाहें तो मैं आपकी उम्र, शहर और परिवार की जानकारी के आधार पर तीन आसान विकल्प सुझा सकता/सकती हूँ—बताइए कौन-सी जानकारी चाहिए।