परिवार के स्वास्थ्य बीमा: आसान गाइड
क्या एक छोटी सी अस्पताल की बिलिंग भी आपकी बचत छीन सकती है? परिवार के स्वास्थ्य बीमा का मकसद यही है कि अचानक आए खर्च से परिवार की आर्थिक सुरक्षा बनी रहे। कुछ सीधे-सीधे बातें समझ लें तो सही पॉलिसी चुनना आसान हो जाता है।
परिवार के स्वास्थ्य बीमे की बेसिक बातें
एक परिवार पॉलिसी में पति-पत्नी और बच्चे आमतौर पर एक ही पॉलिसी के अंदर होते हैं। कई पॉलिसी में माता-पिता भी जोड़ सकते हैं, पर प्रीमियम बढ़ जाता है। सबसे पहले तय करें कि आपके घर में किस-किस को कवर करना है और सालाना कितना कवर चाहिए — आम तौर पर 5-10 लाख रुपये से शुरू करना समझदारी है, अगर परिवार में पुराने मरीज हैं तो अधिक रखें।
क्लोजर, कवर किए गए खर्च (इन-पेशेंट, डे-केयर, दवाइयां, एम्बुलेंस), आउट-ऑफ-पॉकेट खर्च और प्री-एग्जिस्टिंग कंडिशन्स पर ध्यान दें। प्री-एग्जिस्टिंग पर waiting period आमतौर पर 2-4 साल होता है। दूसरी जरूरी चीज़ है नेटवर्क (cashless) अस्पतालों की सूची — जिन अस्पतालों पर आप भरोसा करते हैं वो नेटवर्क में हैं या नहीं।
किस बात पर ध्यान दें: तेज़ चेकलिस्ट
1) सम इंस्योर (Sum insured): अपने इलाके की अस्पताल खर्चों के हिसाब से तय करें — महंगे शहरों में कम से कम 7-10 लाख रखें।
2) प्री-एग्जिस्टिंग और वेटिंग पीरियड: यदि परिवार में दिल, डायबिटीज़ या किडनी जैसी बीमारियाँ हैं तो वेटिंग पीरियड और exclusions पढ़ें।
3) कैशलेस नेटवर्क और क्लेम प्रोसीजर: अस्पताल में एडमिट होते वक्त कैशलेस क्लेम नहीं मिलने पर क्लेम रिइम्बर्समेंट कितनी जल्दी मिलती है — यह महत्वपूर्ण है।
4) नॉन-मेडिकल एक्सक्लूज़न: कुछ पॉलिसी में कसुई ऑपरेशन, कॉस्मेटिक ट्रीटमेंट और वैकल्पिक थेरेपी पर सीमाएँ होती हैं।
5) बोनस और बोनस बनाने के तरीके: No-Claim Bonus, परिवार पॉलिसी पर मिलती अतिरिक्त रकम और मुफ्त वार्षिक जांच जैसी बेनिफिट्स देखें।
प्रीमियम बचाने के आसान तरीके: फ्रॉम में ज्यादा कटौती (higher deductible) चुनें, ईमानदारी से मेडिकल्स भरें ताकि क्लेम रिजेक्ट न हो, और मल्टी-यर पॉलिसी लेने पर आपको डिस्काउंट मिल सकता है। पॉलिसी पोर्टेबिलिटी का फायदा उठाएं—अगर पुरानी कंपनी में क्लेम हिस्ट्री अच्छी है तो नई पॉलिसी पर waiting के कुछ हिस्से कम हो सकते हैं।
अंत में, छोटी-छोटी बातें याद रखें: पॉलिसी पूरी पढ़ें, क्लेम के दस्तावेज़ पहले से तैयार रखें, और किसी भी संदेह पर इंश्योरर से लिखित में कन्फर्म कर लें। यही मामूली कदम आपको बड़े खर्च से बचा सकते हैं।