लाहौर: पाकिस्तान का ऐतिहासिक और सांस्कृतिक केंद्र
लाहौर एक शहर है जो लाहौर, पाकिस्तान का दूसरा सबसे बड़ा शहर और पंजाब प्रांत की राजधानी, जो सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और राजनीतिक रूप से दक्षिण एशिया के लिए महत्वपूर्ण है। यह शहर सिंधु घाटी सभ्यता से लेकर मुगल काल तक के अवशेषों से भरा हुआ है, जिसमें लाहौर किला, शाही मस्जिद और बादशाही बाग शामिल हैं। लेकिन आज यह सिर्फ इतिहास का नहीं, बल्कि वर्तमान राजनीति का भी हिस्सा है। लाहौर के आसपास के क्षेत्रों में हुए कई आतंकवादी घटनाएँ भारत के लिए एक सुरक्षा चुनौती बन गई हैं, जिनका जिक्र आतंकवाद, विशेष रूप से पाकिस्तान के कुछ क्षेत्रों में फैली गतिविधियों, जो भारत के नागरिकों और सुरक्षा बलों के लिए खतरा बनती हैं के साथ जुड़ा है। इसी कारण, जैसे एस. जैशंकर ने UNGA में कहा, लाहौर के पीछे के संरचनात्मक तत्वों को वैश्विक आतंकवाद का epicenter, एक ऐसा केंद्र जहाँ से आतंकवादी योजनाएँ बनाई जाती हैं और भारत की सीमा के पार फैलाई जाती हैं कहा जाता है।
लाहौर के बारे में बात करते समय यह नहीं भूलना चाहिए कि यह शहर भारत के साथ एक गहरा सांस्कृतिक और भाषाई संबंध रखता है। उर्दू और पंजाबी साहित्य, फिल्म और संगीत का एक बड़ा हिस्सा यहीं से निकला है। लेकिन आज के राजनीतिक तनाव में यह सांस्कृतिक जुड़ाव धीरे-धीरे बिखर रहा है। जब भारत ने पहल्गाम हमले का जिक्र किया और पाकिस्तान को आतंकवाद का केंद्र बताया, तो लाहौर के राजनीतिक वर्ग ने इसे राइट ऑफ रिप्लाई के रूप में जवाब दिया — जो असल में उनकी खुद की असफलता का सबूत बन गया। इस तरह, लाहौर सिर्फ एक शहर नहीं, बल्कि एक राजनीतिक चिन्ह बन गया है।
इस पेज पर आपको लाहौर से जुड़ी विभिन्न घटनाओं, उसके राजनीतिक असर, और उसके इतिहास के साथ भारत के संबंधों को दर्शाने वाले लेख मिलेंगे। कुछ लेख आतंकवाद के नए रूपों के बारे में हैं, कुछ राजनीतिक बयानों का विश्लेषण करते हैं, और कुछ उस सांस्कृतिक जुड़ाव को याद करते हैं जो अब बहुत कम हो गया है। यहाँ कोई एक तरफा कहानी नहीं है — बल्कि वह सच है जो आपको दुनिया के इस हिस्से में असल में क्या चल रहा है, वह बताता है।