बीमा खरीदना: क्या करें और किस तरह चुनें
बीमा खरीदना अक्सर उलझन भरा लग सकता है, पर सही जानकारी मिले तो यह आसान है। सबसे पहले तय करें कि आपकी जरूरत क्या है — मेडिकल खर्च के लिए स्वास्थ्य बीमा या परिवार की सुरक्षा के लिए जीवन बीमा। एक बार जरूरत साफ हो तो बाकी के कदम सरल हो जाते हैं।
कौन सा बीमा चुनें?
हर किसी के लिए एक जैसा पॉलिसी सही नहीं होती। अगर आप अकेले हैं और बचत व निवेश भी चाहते हैं तो टर्म + निवेश अलग रखना बेहतर है। परिवार में बच्चे या बुजुर्ग हैं तो परिवार floater स्वास्थ्य बीमा सोचें। वाहन रखने वालों को तीसरी-पार्टी और कॉम्प्रिहेन्सिव पॉलिसी दोनों में से उपयुक्त चुनना चाहिए।
यह भी ध्यान रखें: टर्म पॉलिसी में सस्ते प्रीमियम पर अधिक कवर मिलता है, जबकि एंडोमेंट या ULIP में बीमा के साथ निवेश भी होता है पर लागत अधिक होती है।
खरीदने से पहले चेकलिस्ट — 10 जरूरी बातें
1) कुल कवरेज (Sum Assured) और प्रीमियम का अनुपात देखें। हमेशा अपनी वार्षिक आय और भविष्य खर्च के हिसाब से कवरेज तय करें।
2) क्लेम सेटलमेंट रेशियो और ग्राहक रिव्यू जांचें — पॉलिसी का मूल्य कंपनी की सर्विस पर भी निर्भर करता है।
3) नेटवर्क हॉस्पिटल, कैशलेस सुविधा और क्लेम प्रोसेस की शर्तें पढ़ें।
4) एक्सक्लूज़न (excluded conditions) और वेटिंग पीरियड ध्यान से देखें — खासकर स्वास्थ्य बीमा में।
5) कॉ-पे, डिस्काउंट और बोनस जैसी छोटी-छोटी शर्तों को समझें।
6) वैकल्पिक राइडर्स (critical illness, accidental benefit) की आवश्यकता पर सोचें — ये प्रीमियम बढ़ा सकते हैं पर सुरक्षा बढ़ती है।
7) मेडिकल टेस्ट की शर्तें और उम्र सीमा चेक करें। अक्सर युवा के लिए सस्ता प्रीमियम मिलता है।
8) फ्री-लुक पीरियड और नवीनीकरण की शर्तें देख लें। लाइफ पॉलिसी में मोरटेलिटी और मिसरी स्पेशल क्लॉज़ देखें।
9) डीडिक्टिबल और सब-लिमिट समझ लें — कुछ खर्च कवर से बाहर होते हैं।
10) नामांकन, पॉलिसी की शब्दावली और हर पेज की छोटी टेक्स्ट पढ़ें — वही आगे परेशानी में काम आता है।
दस्तावेज़: पहचान पत्र, एड्रेस प्रूफ़, आय का प्रमाण (यदि जरूरी), मेडिकल रिपोर्ट्स और पासपोर्ट फोटो रखें। ऑनलाइन खरीदते समय ई-KYC और पेमेंट मोड तैयार रखें।
क्लेम सरल बनाने के टिप्स: पॉलिसी नंबर और डॉक्टर रिपोर्ट्स संभालकर रखें। अस्पताल में भर्ती से पहले कैशलेस सुविधा के लिए प्री-ऑथराइजेशन लें। नवीनीकरण समय पर करते रहें — ग्रेस पीरियड खत्म होने पर प्रीमियम बढ़ सकता है। नामांकन अपडेट रखें ताकि क्लेम भुगतान में देरी न हो।
टैक्स लाभ: जीवन बीमा और स्वास्थ्य बीमा पर आयकर के तहत छूट मिलती है (उम्र और पॉलिसी टाइप पर निर्भर)। अपने टैक्स सलाहकार से पुष्टि कर लें कि आपकी पॉलिसी पर कौन सी धारा लागू होती है।
अंत में, शुरुआती खरीद पर एजेंट की सलाह साथ लें लेकिन हमेशा पॉलिसी दस्तावेज़ खुद पढ़ें। छोटा कदम: तीन कंपनियों की तुलना कर के कम-से-कम 24 घंटे सोचें और तभी निर्णय लें। यह तरीका आपको बेहतर कवरेज और बेकार खर्च से बचाएगा।