निपाह वायरस को लेकर राजस्थान में बुधवार को अलर्ट जारी किया गया है। साथ ही, सरकार ने विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश जारी किए हैं।
                  चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री कालीचरण सराफ ने अपने विभाग के सभी अधिकारियों व डॉक्टरों को केरल में निपाह वायरस के कारण हो रही मृत्यु को ध्यान में रखते हुए प्रदेश में निपाह वायरस की रोकथाम के लिए विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं।
सराफ ने कहा की केरल में अनेक प्रवासी राजस्थानी निवास करते हैं, उनका राजस्थान में आना जाना लगा रहता है। साथ ही राजस्थान में रहने वाले केरल निवासियों का भी केरल आना जाना लगा रहता है।
चमगादड़ों से फैले निपाह वायरस के रोगी से संपर्क में आने वाले व्यक्तियों पर यह वायरस हमला कर सकता है। उन्होंने अधिकारियों को इस रोग के बारे में लोगों को अधिक से अधिक जानकारी देने के निर्देश दिए हैं।
वहीं पश्चिम बंगाल में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। बंगाल में वर्ष 2001 में एक अज्ञात बुखार की वजह से 45 लोगों की मौत हो गई थी। तब पुणे स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वेरोलाजी निपाह वायरस को उस बीमारी की वजह बताया था।
सरकारी सूत्रों ने बताया कि वर्ष 2007 में इस वायरस के चलते नदिया जिले में पांच लोगों की मौत हो गई थी। वर्ष 2011 में पड़ोसी बांग्लादेश में इसी वायरस की वजह से सौ से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी।
उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज अस्पताल के एक सेवानिवृत्त डॉक्टर एनबी देबनाथ का कहना है कि राज्य में निपाह वायरस पहले से मौजूद है। यह एक बेहद संक्रामक और खतरनाक बीमारी है।


                          
                        
                        
                        
                            
                            
                            
